कोविड -19 और उसके प्रभाव का सकारात्मक दृष्टिकोण
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परिकल्पना
किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि, साल के शुरुआत में , सुदूर चीन से आने वाली कोविड -19 की वो हलकी आहटे, एक तूफ़ान का रूप ले लेगी| आज पूरी दुनिया की तरह भारत भी कोविड -19 की त्रासदी से जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है| बहुत से बुद्धजीवी मानते हैं कि दुनिया, इस त्रासदी से निपटने के बाद शायद वैसी नहीं रहेगी जैसी पहले थी और कहीं न कहीं इस बदलाव की रूपरेखा कोविड -19 से देशों के संघर्ष के तरीके और इच्छाशक्ति के मापदंडो पर लिखी जाएगी| शायद इस समय, हम सब यह जानने के इक्छुक होंगे की कोविड -19 का भारत पर क्या प्रभाव पड़ने वाला हैं और इसके दूरगामी नतीजे क्या होंगे|
अगर इस पूरी घटना का अभी तक का आकलन करें, तो यह कहना होगा की हमने अपने देश को बहुत कम में आँका था| जहाँ बड़े-बड़े अर्थशास्त्री, कोविड -19 से, भारत में लाखों के मरने और कईयों के संक्रमित होने की बात कर रहे थे, वही भारत ने इन्हें अपनी नीतियों के साथ गलत साबित कर दिया| जिससे हमें ये भी सबक लेना चाहिए की, हमे खुद को पश्चिमी देशों के चश्में से देखना और लोगों को वही बताना बंद कर देना चाहिए| पूरे दिन हम न्यूज़ चैनलों, अखबारों सभी जगह केवल covid-19 के नकारात्मक प्रभाव को देखते और पढ़ते हैं| आइये इस लेख के द्वारा हम covid-19 के हमारे जीवन पर पड़ने वाले सकारात्मक पहलुओं को समझने का प्रयास करते हैं|
कोविड -19 के सकारात्मक प्रभाव
1. काम करने का नया तरीका (वर्क फ्रॉम होम)
- कर्मचारियों के आने जाने के समय मे बचत हो रही है जिसे उनके पेट्रोल एवं सार्वजनिक परिवहन पर भी कम पैसा खर्च हो रहा है।
- कर्मचारी अब अधिक उत्पादक कार्य कर पा रहे है और साथ के साथ काम को ज्यादा समय भी दे पा रहे है । स्टैनफोर्ड के एक अध्ययन में पाया गया है कि जो कर्मचारी घर से काम करते हैं, वे अपने कार्यालय के समकक्षों की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक उत्पादक होते हैं।
- आप अपने कार्यालय के कामों के लिए सबसे अच्छे कर्मचारी को नियुक्त कर सकते हैं, चाहे वे किसी भी शहर मे रहते हो और सभी कर्मचारी दुनिया के किसी भी कोने मे रह के किसी भी कार्यालय के लिए काम कर सकते हैं|
- कार्यालय के जगह का पैसा भी बचा करेगा और आप किसी छोटी जगह मे भी कार्यालय खोल सकते हो ,उस के लिए आपको अधिक जगह की जरुरत’ महसूस नहीं’ होगी ।
- कर्मचारियों के पद छोड़ने की संभावनाए कम हो जायेगी क्यूंकि घर से काम करने से कर्मचारियों को खुशी मिलती है और खुश कर्मचारी कभी भी बाहर जाने की नहीं सोचेगा ।
- कर्मचारियों को लगातार छुट्टी की आवश्कताए भी महसूस नहीं हुआ करेगी क्यूंकि घर से काम करना कार्यालय से एक तरह का ब्रेक पाने की तरह महसूस किया जा सकता है ।
2. पारिवारिक जीवन पर प्रभाव
Covid-19 की वजह से आज पूरा देश ताला-बंदी को झेल रहा हैं| लोग अपना सारा समय घर में बिता रहे हैं, जिसके कारण महिला के प्रति घरेलू हिंसा का मामला काफी बढ़ गया हैं| यह तो इस त्रासदी की एक नकारात्मक पक्ष हुआ| आइये हम इसके सकारात्मक पक्ष की भी बातों का आकलन करे|
- स्कूल और कॉलेज बंद होने से बच्चो को घर पर रहने का मौका मिला है, ऐसे में जहां माँ अपने इस वक्त का इस्तेमाल बच्चों को अच्छे-अच्छे पकवान बना के खिलने मे कर रही है और बच्चे भी घर के बने खाने की अहमियत समझ रहे है ।
- बच्चे अपने समय का उपयोग नए-नए क्राफ्ट और नई चीजें सिखने में कर रहे हैं, साथ ही साथ परिवार के साथ ज्यादा वक्त बिता रहे हैं।
- कई परिवार इस समय का इस्तेमाल परिवार के साथ अच्छा समय बिताने और आपसी रिश्ते मजबूत करने में कर रहे हैं, इस समय लोग अपने दोस्तों और रिश्तदारों को भी अपना अच्छा समय दे पा रहे है ।
- सच बात तो ये हैं कि इस समय लोग अपना वास्तविक जीवन जी रहे है और चमक-धमक की दुनिया से दूर रह रहे है।
3. भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा अवसर
- भारत अब आत्म निर्भर बने की ओर अपना कदम उठा रहा है । भारत की स्वास्थ्य सुविधा अब विश्व की दूसरे नंबर पर आ गयी हैं।
- भारत की इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद भी जितने अच्छे तरीके से इस परिस्थिति का सामना हो रहा है वैसे बाकि देशो मे नहीं हो पा रहा हैं, जबकि उन देशो की आबादी भारत के अपेक्षा मे बहुत कम है।
- स्वदेशी वस्तुओ की खरीद मे बढ़ोतरी होगी । जिसे भारत के लघु उद्योग को विकसित होने का मौका मिलेगा|अगर भारत अमेरिका और सिंगापुर अर्थव्यवस्थाओं के पन्नों से बाहर निकलता है और स्वदेशी व्यवसायों पर भरोसा करता है, तो देश के लिए आर्थिक सुधार बहुत जल्द होने की संभावनाए है ।
4. व्यक्तिगत एवं प्रोफेशनल स्किल्स को उभारने का मौका
- हमसभी आम तौर पर अपने उपर धयान नहीं दे पाते है I लेकिन हमे यह बहुत अच्छा मौका मिला है जिसे हमलोगो को समुचित रूप से उपयोग करना चाहिए और साथ के साथ अपने व्यक्तिगत एवं पेशेवर कौशल को विकसित करना चाहिए| ऐसा करने से हमे आने वाले समय मे फायदा होने की सतप्रतिशत सम्भावनाये दिखती हैं|
- वैसे भी हमें अपने पेशेवर कौशल को हमेशा आधुनिक रखना चाहिए I उदाहरण के तोर पे आपके कार्य क्षेत्र से जुड़ी चीज़ो के बारे मे अच्छे से जानकारी लेते रहनी चाहिए I
- अपने आप पर भी निवेश करना बहुत जरुरी है और आज-कल के समय मे व्यक्तिगत कौशल पे भी धयान देना बहुत ही अनिवार्य माना जाता है (जैसे-अपने कमजोर बिंदु पर काम करना, अपने डर पर काबू पाना और कुछ नया सीखना)
5. बड़े शहरों में प्रदूषण नियंत्रण
- कोरोनावायरस से लड़ने के लिए देश भर में लगे जनता कर्फ्यू और उसके बाद तालाबंदी के कारण प्रदूषण में काफी कमी आई है|
- जहा कुछ साल पहले दिल्ली के हवा मे सांस लेना मुश्किल था, वही लॉक डाउन के अंतर्गत सबसे कम वायु प्रदूषण वाले शहरों की सूचि मे आ चूका है , जिसका आनंद पूर्ण रूप से दिल्ली निवासी ले रहे है । मुंबई और कोलकाता जैसे अन्य महानगरीय शहरों मे भी प्रदूषण में काफी कमी आई है।
- देखा जाए तो कोरोना महामारी के कारण पूरे विश्व में हुए लॉक डाउन ने पर्यावरण को स्वस्थ होने का अवकाश दे दिया है। हवा का जहर क्षीण हो गया है और नदियों का जल निर्मल।
- भारत में जिस गंगा को साफ करने के अभियान 45 सालों से चलाया जा रहा था, उस गंगा को तीन हफ्ते के लाक डाउन ने निर्मल बना दिया। इतना ही नहीं चंडीगढ़ से हिमाचल की हिमालय की चोटिया दिखने लगीं है, जो कि अपने आप में अद्भुत हैं|
6. अपराध की घटनाओ पर रोक लगना
- दिल्ली और गुरुग्राम में अपराध की दर पिछले एक-दो महीने में कम हो गई है क्योंकि कोविड -19 के डर से शहरों में लगभग शांति सी छा गई है
- भारत की राजधानी में अपराध दर में काफी गिरावट देखने को मिल रही है। अपराध दर में गिरावट होने से और वाहन चोरी के प्रतिशत में कमी के आने से व्यक्तिगत और वाणिज्यिक वाहनों के मालिकों को कुछ मानसिक शांति मिला है|
- अपराध दर में इसी तरह की गिरावट कोलकाता, चेन्नई और मुंबई जैसे अन्य प्रमुख शहरों में देखी गई है। प्रधानमंत्री के पूर्ण लॉकडाउन के फैसले और स्थानीय कानून प्रवर्तन द्वारा सतर्कता ने कई शहरों और राज्यों में अपराध दर में गिरावट में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
7. बेहतर स्वास्थय एवं स्वच्छता का प्रयास करना
- इस सर्वव्यापी महामारी ने हम सभी को जागरूक किया है कि कैसे अधिक से अधिक स्वच्छता के साथ काम किया जाए।
- स्वच्छता का होना अब केवल एक अच्छी आदत ही नहीं , बल्कि आपको जीवित रहने के लिए इसे अपने दिनचर्या मे लाने की आवश्यकता है।
- समय बदल चूका है, और लोगो को यह अहसास हो चूका है कि खुद को साफ रखना कितना महत्वपूर्ण है।
- हाथ मिलाने की आदतों को नमस्ते करने की आदतों में बादल कर, सभी की भलाई के लिए जीवनशैली में बदलाव किया गया हैं|
- अब हमने मास्क पहना अनिवार्य कर लिया है साथ’के साथ किसी चीज़ को छूने के बाद अपने हाथों को साफ करने की आदत बना ली है ।
- क्योंकि हम जानते हैं कि अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो इसका क्या दुष परिणाम हो सकता है।
हम जानते है की ये सभी के लिए एक कठिन समय है | अभी हमें जरूरत हैं की मुश्किल के इन काले बादलों के बीच हम सकारात्मकता की उस चमकती लकीरों को तलाशे जो हमारी जिन्दगी को खुशमिजाज संभावनाओं के साथ भर दे | इस महामारी ने हमारे जीने के तरीके को बदला है, और हमें हमारे परिवार और पर्यावरण की महत्ता के बारे में सिखाया है | अब जरूरत हैं की एक सही जीवन जीने के तरीकों को अपनाये और आगे बढ़ें | आखिरकार ज़िन्दगी जीने का नाम है, खुशियां और कठिनाई उसके दो पहलू है| हम कठिनाइयों से हार मान कर नहीं बैठ सकते हैं| हम सब मिलकर इस समय को भी पार कर लेंगे और एक अच्छे और स्वस्थ्य ज़िन्दगी को अपना पाएंगे|
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